Monday 25 December 2017

कविता- लोर झरे लगल तs झरते रहल / भागवतशरण झा 'अनेमेष'

लोर झरे लगल ..! 
 कवि- भागवतशरण झा 'अनिमेष '

लोर झरे लगल तs झरते रहल
रात तीतल सिहर कs हो रामजी

मोन बाछा अनेरुआ हहरइत रहल
हाल बेहाल बेधलक हो रामजी

नाम जेकरा हम जब तब जपते रही
हमरा छोरलक छमककs हो रामजी

बयना तकलीफ के हमरा सुख से मिलल
तइयो हँसली हुलसक हो रामजी

दाग दिल के देखाबे के मरजेंसी है
तनिको देखs पलटकs हो रामजी

गीत अनिमेष के शेष काने लगल
छन्द टूटल छनकक हो रामजी ।

....

कवि- भागवतशरण झा 'अनिमेष'
ईमेल- bhagawatsharanjha@gmail.com

कवि भागवत शरण झा 'अनेमेष' अपनी धर्मपत्नी के साथ

Monday 11 December 2017

बज्जिका वसन्त - हरिनारायण सिंह 'हरि' की गज़ल / उप्पर मक्खन के चिकनाई भित्तर दूध फटल है

  गजल
 कवि- हरिनारायण सिंह 'हरि'



उप्पर मक्खन के चिकनाई भित्तर दूध फटल है 

मीठ -मीठ ई बात करिइअ, बाकी पेट सरल है 


एक्कर झांसा में मत आबऽ,ई तऽ पक्का नेता, 

सोना के कलसी में रक्खल ई तऽ मीठ गरल है 


केकरा पर विश्वास करू हम  केकरा अप्पन मानूं ,

रमनामी चद्दर के  निच्चा छूरी जहर बुझल है


हम्मर जिनगी चिरमुन्नी के  उजरल -पुजरल खोंता, 

अबहू तक अन्हर -बउखी से एकरा फेर परल है

उलट-पुलट आ झूठ-सांच के जे बेपार करइअ
भाई-भाई के फुटकाकऽ  ऊहे मेठ बनल है.
..................
कवि- हरिनारायण सिंह 'हरि'                        
संपर्क :जौनापुर, मोहीउद्दीननगर
समस्तीपुर  (बिहार )
मोबाइल व वाट्सैप -9771984355

Friday 8 December 2017

बज्जिका वसंत - हरिनारायण सिंह के गज़ल कवि-परिचय के साथ

   हम्मर   गाँव
    कवि- हरिनारायण सिंहहरि



सुन्दर चहकत सोन चिरइयाँ जइसन हम्मर गाँव ।
चारो बगली खुलल मड़इया  जइसन हम्मर गाँव ।

अबहू तक शहरी परदूषण से ई दूर, बचल      है,
मुक्त पवन में उड़े गोरइया    जइसन  हम्मर  गाँव।

एक्कर वासी में अबहू तक शील- सुभाव बचल है,
बाबा-बाबू-चच्चा-भइया      जइसन हम्मर गाँव  ।

गंगा मइया में घुसिआकऽ,अँचरा में  मुँह    देले  ,
दूध पियेला आतुर भइया   जइसन हम्मर   गाँव।

बिजली-रोड न है तऽ की, ईमान-धरम बच्चल  है,
फैशन-रहित देहाती मइया जइसन   हम्मर गाँव  ।

तोहर शहर क्रीम-पाउडर के तह-पर-तह  चिपकैले,
नेह-लाज से भरल बहुरिया जइसन हम्मर  गाँव  ।

बाहर से थक-हार अकिंचन बन जब घर  में अइली,
नेह-छोह से भरल  मेहरिया जइसन हम्मर गाँव।
.............
कवि- हरिनारायण 'हरि'
संपर्क :जौनापुर, मोहीउद्दीननगर, समस्तीपुर -848501
प्रतिक्रिया इस ईमेल आइडी पर दें- hemtndas_2001@yahoo.com
                            

हरिनारायण सिंह'हरि' :एक परिचय
  
    मूल नाम -हरिनारायण सिंह
    जन्म       - 2 जनवरी, सन्  1958
    ग्राम - जौनापुर  (राजपुर ),जिला -समस्तीपुर ,
             बिहार ।पिन - 848501
    शिक्षा --राजनीति विज्ञान में एम ए, हिन्दी में विशेष रुचि ।
    लेखन--हिन्दी व बज्जिका में 
    प्रकाशित  कृतियाँ -- 
   * चक्रव्यूह  (खंडकाव्य ),
   * मन नहीं थिर आजकल (कविताएँ), 
   * यथार्थ के धरातल पर  (संपादित काव्यसंकलन ) 
   * रक्तबीज  (संपादित लघुकथा संकलन )
   *शताधिक संकलनों  व पत्रिकाओं में कविताएँ,   लघुकथाएँ ,आलेख  व समीक्षाएं प्रकाशित । 
   * कविताओं, लघुकथाओं एवं आलेखों की  कई पांडुलिपियां प्रकाशन की प्रतीक्षा में ।
*आकाशवाणी,दूरदर्शन व टीवी चैनलों से भी प्रसारण ।
* साहित्य परिषद, मोहीउद्दीननगर  (समस्तीपुर )के संस्थापक व वर्त्तमान सचिव ।
*कई  साहित्यिक  संस्थाओं द्वारा सम्मानित  ।
*संप्रति केएसएस कालेज, मोहीउद्दीननगर  (समस्तीपुर )में विभागाध्यक्ष (राजनीति विज्ञान )के पद पर कार्यरत ।
सम्पर्क -जौनापुर, मोहीउद्दीननगर, समस्तीपुर, बिहार 
मोबाइल -919771984355,  
ई-मेल--hindustanmohanpur@gmail.com 


                                  🔯