Tuesday 23 July 2019

बज्जिका संवाद युक्त रपट - हरि के "हिन्दी गीत संग्रह- हुआ कठिन अब सच-सच लिखना" एवं बज्जिका "प्रबंधकाव्य- कर्ण" के लोकार्पण समस्तीपुर में 22.7.2019 के सम्पन्न

समाज में फइलल विसंगति पर गहरा चोट

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बज्जिका के विकास से हिन्दी के विकास में कोनो बाधा नऽ पड़त, बल्कि ऊ आउर समृद्ध होएत।" उक्त विचार हिन्दी और बज्जिका के ख्यात साहित्यकार डा ब्रह्मदेव प्रसाद कार्यी ने प्रकट किया। उन्होंने कहा," हरिनारायण सिंह 'हरि' हिन्दी आ बज्जिका के समर्थ साहित्यकार हतन। ऊ  अप्पन महाकाव्य 'कर्ण' के माध्यम से समाज में फइलल विसंगति पर करारा चोट कयलन हन। 

कविता कोश के उपनिदेशक और हिन्दी तथा अंगिका के सशक्त और समर्थ युवा साहित्यकार राहुल शिवाय ने कहा कि "कर्ण के प्रकाशन से बज्जिका साहित्य समृद्ध होयल हन । उन्होंने कहा कि "हरि एक साथ हिन्दी आ बज्जिका में अनवरत लिख रहलन हन आ अभी तक हिन्दी के कै गो कविता आ गीत संकलन के साथे-साथे दून्नू भाषा में एकइगो महाकाव्य के भी सृजन कर चुकलन हन।"

मैथिली के प्रसिद्ध कथाकर डा रवीन्द्र राकेश ने कवि हरि के  हिन्दी गीत संग्रह "हुआ कठिन अब सच-सच लिखना" की और बज्जिका के वरिष्ठ कवि और समीक्षक ज्वाला सांध्यपुष्प-'कर्ण' की लिखित समीक्षा प्रस्तुत की। बेगूसराय से पधारे कबीर और नागार्जुन की परम्परा के कवि  जनकवि दीनानाथ सुमित्र ने कहा हरि के गीतों का मैं फैन हो गया हूं। 

हिन्दी और बज्जिका की सभी विधाओं के सशक्त  और युवा साहित्यकार अश्विनी कुमार आलोक ने हरि के लेखन व उनके व्यक्तित्व की विशेषताओं का विश्लेषण करते उनके अन्तःसंबंधों की व्याख्या की । ये सभी साहित्यकार सोमवार की देर शाम बिहार राज्य बज्जिका विकास परिषद् के स्थापना दिवस पर संस्कारम् एकेडमी बिनगामा (समस्तीपुर) व परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। 

शिक्षाविद जनक किशोर कापर की अध्यक्षता व साहित्यकार मृदुल के संचालन व पूर्व सैनिक नरेन्द्र कुमार राय के संयोजन में आयोजित  इस कार्यक्रम का आगाज नरेन्द्र कुमार राय लिखित स्वागत गीत को गाकर रूचि रानी, सुरुचि सुमन व खुशी प्रिया ने किया। बच्चियों ने हरि लिखित पटोरी गीत के ऑडियो पर भावनृत्य भी किया।

दीप -प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन के बाद आकाशवाणी-कलाकार राम सिंगार सिंह ने राग भोपाली में "वर दे वीणा वादिनी वर दे" गाकर सबको  मंत्रमुग्ध कर दिया। राजनेता मनोज कुमार सिंह व एक उच्च अधिकारी मनीष कुमार ने अंगवस्त्र से हरिनारायण सिंह 'हरि' को सम्मानित किया । राजनेता राजकपूर सिंह, प्राचार्य डॉ. घनश्याम राय, डॉ. रामागार प्रसाद, पर्यावरणसेवी सुजीत भगत, डॉ. सुरेन्द्र कुमार राय,  संतोष पोद्दार, विश्वनाथ राय, शरदेन्दु शरद, इंतखाब आलम, सकलदीप कुमार राय, अरविन्द सिंह, शैलेन्द्र सिंह आदि ने भी लोकार्पित पुस्तकों  व बज्जिका भाषा के उत्थान पर चर्चा की।

इस अवसर पर कृतिकार हरि तथा हरिनारायाण 'हरि' ने भी अपने विचारों को प्रकट किया अंत में नरेन्द्र कुमार राय ने धन्यवाद ज्ञापित किया । संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन बज्जिका के साहित्यकार मृदुल ने किया। 
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आलेख - बेजोड़ इंडिया ब्यूरो 
स्रोत - हरिनारायण सिंह 'हरि'
प्रतिक्रिया हेतु ईमेल आईडी - editorbejodindia@yahoo.com

2 comments:

  1. अच्छा लगल....... रउआ सब के अनेकों धन्यवाद......

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    1. अहाँ केँ बहुत रास धन्यवाद।

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